75 Years of Seth Brothers Perfumers



सेठ ब्रदर्स के 75 वर्ष - सफलता की एक अनूठी कहानी

शिमर की माला सुगंध, अगरबत्ती और परफ्यूम इंडस्ट्री में ये शब्द तो कभी ना कभी आपने सुने ही होंगे। शिमर, यानी सेठ ब्रदर्स परफ्यूमर्स वालों का शिमर...जी हां, वही सेठ ब्रदर्स जो पिछले 75 सालों से इस इंडस्ट्री के नायक रहे हैं और 3 पीढ़ियों से इस समुदाय / उद्योग की बढ़ोतरी में अपनी सेवायें दे रहे हैं। पूरे 75 साल पुरानी है आज की ये कहानी..यानी सेठ ब्रदर्स के जन्म से अब तक की यात्रा ।

वर्ष 1934 में यंग मैन राज किशोर सेठ ‘हिम्मत’ झालावाड़ की अगरबत्ती के बिजनेस में सहयोगी हुआ करते थे । कई साल वहां काम किया, सीखा और अनुभव लिया । 1946 में गुप्ता एंड कंपनी ने अपने मुंबई बिजनेस की देख-रेख करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया । राज किशोर की सुगंध संबंधी ज्ञान की समझ देखते हुए, गुप्ता एंड कंपनी के मालिक लाल साहब ने उनको खुद का बिजनेस शुरू करने की प्रेरणा दी । आज़ादी के उत्सव के दौर में, 1947 में राज किशोर दिल्ली पहुंचे और अपना खुद का पहला परफ्यूम -‘अमला एम’, जो आंवला हेयर ऑयल के लिए इस्तेमाल होना था, बनाया । 1949 में उन्‍होंने सेठ ब्रदर्स की शुरुआत की । उसके बाद बनाया केवड़ा और उसे अगरबत्ती के निर्माताओं को ऑफर किया ।  राज किशोर को वन मैन आर्मी कहना गलत नहीं होगा। उस जमाने में ना तो आज जैसी मार्केटिंग सुविधाएं हुआ करती थी और न ही आउटसोर्सिंग का प्रचलन था । फाइनेंस, प्रमोशन, मार्केटिंग, डाटाबेस मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स, ऑपरेशंस आदि सारे काम वो खुद किया करते थे । 

ये वो दौर था जब अपनी बनाई खुशबू को उसके ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए राज किशोर सेठ कई किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय किया करते थे । इसी के साथ-साथ रिसर्च एंड डेवलपमेंट भी चलता रहा और जैस्मीन एम, मोगरा एम, रातरानी एम जैसी खुशबुएं पेश की गई। ये उनकी पहली सीरीज की खुशबुएं थीं । उन दिनों राज किशोर के सुपुत्र, पदम किशोर सेठ, मुंबई में रेडियो ट्रांसमीटर की मैन्युफैक्चरिंग किया करते थे । पिता को सहयोग देने के लिए उन्होंने काम छोड़ कर दिल्ली आना जरूरी समझा । कहते हैं ना जब परिवार साथ होता तो सब कुछ मुमकिन हो जाता है । पदम किशोर आते ही बिजनेस को नयी दिशा और दशा देने में जुट गए। पदम ने ऑपरेशंस और मैन्युफैक्चरिंग का जिम्मा संभाला और पिता राज किशोर ने सेल्स को बढ़ाना शुरू किया। देखते ही देखते काम फैलने और फलने  लगा । 60 के दशक में राजदरबार, मुस्क सॅफरान, माला, जैस्मिन एमएलटी जैसी खुशबू इजाद की गई और इसकी बदौलत बाजार में इनका नाम मशहूर होने लगा। अब इस कारोबार में प्रवेश हुआ राज किशोर के एक और सुपुत्र, नवल किशोर सेठ जी का, जिन्हें सेठ ब्रदर्स के वाराणसी ऑफिस का ज़िम्मा सौंपा गया । कुछ समय बाद ही अपने पिता राज किशोर सेठ के गिरते स्वास्थ्य के कारण नवल किशोर दिल्ली आ गए और वाराणसी की बागडोर राज किशोर के सबसे छोटे पुत्र रघुबंश किशोर सेठ ने संभाल ली । सन 70 के शुरू में सेठ ब्रदर्स की तीसरी पीढ़ी के पहले सदस्य ने कारोबार में कदम रखा । विनोद सेठ, जो पदम किशोर सेठ जी के सुपुत्र हैं, इस नई पीढ़ी के युवा ने सेठ ब्रदर्स के काम को और बढ़ाया एवं 1976 में दिल्ली के नारायणा स्थित इनकी फैक्ट्री की स्थापना की । 80 के दशक की शुरुआत में सेठ ब्रदर्स ने एक और स्तंभ खड़ा किया, सेठ ब्रदर्स का मुंबई ऑफिस.. इस समय तक राज किशोर के छोटे सुपुत्रों ने भी बढ़चढ़ कर इस बिजनेस को बढ़ाने में अपने योगदान दिए । उधर जीतोड़ मेहनत से नवल किशोर, पंजाब राजस्थान, गुजरात, एमपी में कंपनी की पकड़ मजबूत कर रहे थे और इधर रघुवंश किशोर यूपी, बिहार और बंगाल की बागडोर थामे हुए थे । साथ ही अब दक्षिण भारत में भी कंपनी का परचम लहराने लगा था । अपने पिता के समान बेटों ने भी कई विभागों में विशेषज्ञता हासिल की और नवल किशोर ने ना सिर्फ डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बल्कि कंपनी का फाइनेंस डिपार्टमेंट और पीआर भी बखूबी हैंडल किया । सालों से बने बिजनेस रिलेशंस परिवार समान होते गए और पूरी बिरादरी का भरपूर प्यार और सहयोग पाने में ये ग्रुप सफल रहा । अब काम बेहतरी से चल रहा था पर इस समय पदम किशोर सेठ ने एक खास कदम उठाया। 

सेठ ब्रदर्स सिर्फ निर्माता और डिस्ट्रीब्यूटर ही नहीं, इस उद्योग के लिए एक योगदानकर्ता भी बनना चाहते थे । इसी के चलते पदम किशोर, परफ्यूम एंड फ्लेवर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (PAFAI), जो कि अब FAFAI के नाम से जाना जाता है, का अहम हिस्सा बने और 1986 में बतौर प्रेसिडेंट चुने गए । ये साल सेठ ब्रदर्स के लिए जैसी दोहरी खुशी लाया, इधर पदम किशोर फफाई प्रेसिडेंट बने और साथ ही इसी साल सेठ ब्रदर्स, सेठ ब्रदर्स परफ्यूमर्स प्राइवेट लिमिटेड में तब्दील हुई और परिवार के अन्य सदस्य भी इसका हिस्सा बनने लगे । अब ये ग्रुप मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ विविध रेंज के प्रोडक्ट्स को एक्सपोर्ट भी करने लगा । अब सेठ ब्रदर्स परफ्यूमर्स प्राइवेट लिमिटेड पूरे देश में अपने परफ्यूम तो भेज ही रहे थे, साथ ही 1988 में जीएलसी मशीन बतौर टेक्निकल सपोर्ट और क्वालिटी कंट्रोल के इक्विपमेंट्स को भी इंस्टॉल कर रहे थे यानी अब रिफाइनमेंट और प्रोग्रेस हर डिपार्टमेंट में की जा रही थी । साल दर साल तरक्की हुई और 90 के दशक में कोलकाता ऑफिस की शुरुआत हुई। इसी दशक में, कल के बच्चे भी बड़े हुए और अपना अपना योगदान देने लगे । रोहित सेठ, लव सेठ, कुश सेठ ने बिजनेस ज्वाइन किया और इसे बढ़ाने के नए नए तरीके सुझाए । साथ ही अब विनोद सेठ ने अपने पिता की तरह ही फफाई में काफी योगदान किया और सन 2001 में प्रेसिडेंट पद के लिए चुने गए । तकरीबन इसी समय, रोहित, लव और कुश सेठ ने भी अपनी लगन से काम की बारीकियों को सीखा और गुणवत्ता के साथ जोर दिया । 2013 में रोहित सेठ, FAFAI के प्रेसिडेंट चुने गए । 

इस तरह एक नहीं बल्कि परिवार के तीन सदस्यों ने FAFAI के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला है । आज इंडस्ट्री के नामी गिरामी एक्सपर्ट्स में रोहित सेठ का नाम काफी इज्जत से लिया जाता है। कई नेशनल, इंटरनेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के मुखिया, ट्रेनर और स्पीकर के रूप में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है । उन्होंने उद्योग के मानक निर्धारण प्रकिया में भी सराहनीय कार्य किया है तथा इसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया हैं। 

2016 में सेठ ब्रदर्स के प्रोडक्शन यूनिट में GCMS को भी ऐड किया गया, क्योंकि इस ग्रुप का ये मानना ​​है कि ट्रेडिशनल परफ्यूम प्रोडक्शन में थोड़ा मॉडर्नाइजेशन का तड़का प्रोडक्ट्स, क्वालिटी कंट्रोल एवं प्रोसीजर्स का स्टैंडर्डाइजेशन, प्रोडक्ट्स को और बेहतर बना सकते हैं । साइंस और आर्ट के इस बेहतर ब्लेंड की एक खास और कामयाब कोशिश सेठ ब्रदर्स ने की है और इस उद्योग को शिखर पर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । शिमर इंडस्ट्रियल फ्रेगरेंस के ब्रांड नाम के अंतर्गत मार्केट की जाने वाली परफ्यूम केवल धूप, अगरबत्ती, डिटर्जेंट, साबुन, मोमबत्तियां, फ्रेशनर, रोल-ऑन, कॉस्मेटिक्स, अरोमा थेरेपी, फेंग शुई आदि में ही नहीं, बल्कि आज की बढ़ती हुई मार्केट में हर प्रकार के परफ्यूम्ड प्रोडक्ट्स में अप्लाई की जा रही है । परफ्यूमर्स की बिरादरी को और व्यापक बनाने की जो पहल की गई है, वह है अरोमा पार्क, जिसका स्वप्न सेठ ब्रदर्स ग्रुप के रोहित सेठ ने देखा हैं । केंद्र और उत्तराखंड सरकार के सहयोग से इसका निर्माण काशीपुर में किया जा रहा है । ये एक नई पहल है जो इस उद्योग को एक नए मुकाम पर ले जायेगा और उत्तरखंड का काशीपुर एक ग्लोबल एरोमा हब बनेगा ।
रोहित सेठ के शब्दों में “एक इंसान के पूरे जीवन काल में, यानि बच्चे के रूप में जन्म से लेकर उसके पूरे जीवन निर्वाह कर, चले जाने तक.. इस पूरे सफर में खुशबू हमेशा उसके साथ रहती है”। खुशबुओं से आपका जीवन  ख़ास बनता है । सेठ ब्रदर्स परफ्यूमर्स प्राइवेट लिमिटेड का ब्रांड नेम शिमर- ‘ग्लिमर विद स्पार्कल्स (एक जलती मशाल) है, जो सालों से अपनी चमक लिए जलती जा रही है । सेठ ब्रदर्स के लिए खुशबू एक बिज़नेस मात्र नहीं है, ये उनका पैशन भी है। अपनी भावनाओं को वो इस प्रकार व्यक्त करते हैं, "ख़ुशबू, जो एक नव शिशु से आती है, ख़ुशबू जो माँ अपने साथ लाती है, ख़ुशबू जो घर को महकाती है, ख़ुशबू जो बस एहसास फैलाती है, कभी मन को आराम दे जाती है, कभी रुमानी भी बनाती है, कभी तसल्ली फैलाती है, कभी तरावट लाती है, खुशबू शब्दों से नहीं, खुशबू वो है जो हवाओं में बिखर जाती है। आपके हमारे पास से आती है ।’ किसी ने ठीक ही कहा है कि किसी गंतव्य पर पहुंचने की अपेक्षा यात्रा करना हमेशा रोमांचक होता है। सेठ ब्रदर्स की अब तक की यात्रा इस भावना को स्पष्ट रूप से प्रकट करती है। आगे बढ़ते हुए, कई नियोजित मिशनों को पूरा किया जाना है और दूरदर्शी नेतृत्व के साथ सेठ ब्रदर्स टीम इस उल्लेखनीय यात्रा में और मूल्य जोड़ने के लिए तैयार है।

Comments

Pooja arora

Pooja arora March 11, 2023, 7:25 p.m.

Proud moment Swetcha.Wish you happiness and love.My dear friend you always give us harmony and peace.

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